तीन साल से बिना दवाओं के संचालित हो रहा यूनानी औषाधालय
महासमुंद। जिले में दो ऐसे अस्पताल भी हैं जंहा उपचार के लिए मरीज हैं और उनकी जांच के लिए चिकित्सक भी हैं, पर जांच और उपचार के लिए मरीजों को देने के लिए दवाएं नहीं है।
यह स्थिति है जिला मुख्यालय में संचालित
एक यूनानी औषाधालय और क्लीनिक की। यंहा मरीजों की जांच और उपचार के लिए चिकित्सक पदस्थ है जो आने वाले मरीजों की जांच और उपचार तो करते है, पर दवाई की जगह उन्हें पर्ची में दवाई लिखकर दे देते हैं। वजह मरीजों को देने के लिए उनके पास दवाई ही नहीं है इसके चलते मरीजों को उक्त दवाइयां बाहर बाजार से खरीदनी पड़ती है। यह स्थिति एक-दो माह से नहीं बल्कि पिछले तीन सालों से है जिससे मरीज परेशान है। पर मरीज यंहा उपचार के लिए आज भी पहुंच रहे है। जानकारी के मुताबिक यूनानी अस्पताल और क्लिनिक जिला आयुर्वेद विभाग के तहत संचालित होता है।
तीन हजार से ज्यादा मरीज है पंजीकृत
मुख्यालय में वर्षो से संचालित यूनानी अस्पताल और क्लिनिक में उपचार व जांच कराने वाले मरीजों की संख्या एक-दो नहीं बल्कि सैंकड़ो में है। यंहा दोनों जगह मिलाकर करीब तीन हजार मरीज पंजीकृत है जो नियमित रूप से चिकित्सकिय सलाह के बाद समय-समय पर उपचार के लिए पहुंचते है। लेकिन दवाइयां उपलब्ध नहीं होने से उन्हें केवल जांच कराकर बिना दवाइयों के लौटना पड़ रहा है।
तीन सालों से नहीं आ रही दवाइयां
औषधालय के प्रभारी चिकित्सक अशफाक अहमद ने बताया कि दवाइयों की सप्लाई पिछले तीन सालों से नहीं के बराबर है। हर माह शासन को दवाइयों के लिए मांगपत्र भेजा जाता है। लेकिन सप्लाई नहीं हो रही है। सप्लाई की क्या वजह है यह उच्चाधिकारी ही बता पाएंगे।