महाराष्ट्र। एक ओर जंहा कई दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को अभिशाप व मजबूरी बता भीख मांगकर जीवन जीते है वहीं कुछ ऐसे भी दिव्यांग है जो दिव्यांगता को भूलकर कुछ करने के लिए कड़ी मेहनत करते है। कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के एक दिव्यांग युवा है जो ग्रेजुएशन के बाद समोसा बेचकर आईएस की तैयारी कर रहे है। ये कहानी है महाराष्ट्र के सूरज तलपड़े की। सूरज शहर में घुमघुमकर समोसा बेचकर आईएस बनने के लिए पढ़ाई कर रहे है। सूरज बताते है कि इसके लिए उनका परिवार पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। पिता समोसा बनाते है जिसे वे शहर में घुमघुमकर बेचते है। मात्र 15 रुपए में दो पीस समोसा मिर्ची और प्याज के साथ देते है जिसे लोग कॉफी पंसद करते है। बता दें कि सूरज ने बीएससी में ग्रेजुएशन किया है जो अब आईएस अफसर बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है।