महासमुंद। एक ओर जंहा लोग अपनी जरूरत और मतलब के लिए पेड़ कांट रहे है तो वहीं दूसरी ओर शहर की “दो कदम प्रकृति की ओर महासमुंद” संस्था पर्यावरण सरक्षंण के लिए कटिबद्ध होकर पौधरोपण करने में जुटी हुई है। संस्था के सदस्य न सिर्फ पौधरोपण कर रहे बल्कि रोप गए पौधों को जीवित रखने के लिए प्रतिदिन सींचने का काम भी कर रहे है।
संस्था के संयोजक नूरेन चंद्राकर ने बताया कि उनकी संस्था के अलावा शहर की अन्य समाजसेवी संस्था ने पिछले 4 सालों में 22 सौ से अधिक पौधों का रोपण किया है जिसमें करीब 80 फीसदी पौधे जीवित है। इसमें आम, जाम, नीम, कोहुआ, करंज, सिरसा, आंवला, ओषधि में गिलोय और विभिन्न प्रजाति के फूल के पौधों का रोपण किया है।उनकी संस्था के द्वारा शहर के तालाबो, जिला कार्यालय परिसर के आसपास के अलावा अन्य स्थानों में विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया है। उनके दिन की शुरुआत इन पौधों को नियमित रूप से प्रतिदिन सुबह सींचने के लिए साइकिल यात्रा के साथ शुरुआत होती है जिसमे करीब दो घण्टे से भी अधिक का समय लगता है। उनकी संस्था में केवल युवा नहीं छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल है जो पौधरोपण करने में अपनी भागीदारी निभा रहे है। उनका उद्देश्य है कि उनके पौधरोपण कार्य की प्रशंसा करने की बजाए लोग अपने आसपास भी पौधरोपण करें।
मिशन 90 दिन में 65 दिन पूरे