कोरोना से शुरू शहर में असमय भारीवाहनों की एंट्री
महासमुंद। कोरोना से शिथिल भारीवाहनों की नो एंट्री का नियम पुनः लागू नहीं होने और शहर में लचर यातायात व्यवस्था का खमियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शनिवार को एक स्कूली छात्रा इसका का खमियाजा हादसे का शिकार होकर भुगतान पड़ा।
स्कूल प्रबंधन के अनुसार आदर्श बालक शाला में अध्यानरत कक्षा 11 वीं की छात्रा तारणी साहू शनिवार सुबह घर से स्कूल आ रही थी। स्कूल के पास पहुंची थी कि रायपुर से बागबाहरा की ओर जा रही एक मालवाहक वाहन क्रमांक सीजी 06 जीडब्लू 0602 से हादसे का शिकार हो गई। छात्रा के हाथ में चोट और पैर में मोच आने से वह घायल हो गई है। स्कूल प्रबंधन उपचार के लिए उन्हें अस्पताल ले गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी। घटना के बाद से अन्य विद्यार्थी भयभीत हैं। घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए स्कूल प्रबंधन ने शहर में मालवाहकों की एंट्री पर रोक लगाने के लिए एसपी को पत्र लिखकर मांग की है।
स्कूल के पास संचालित दुकानों को हटाने पालिका को भी लिखा पत्र
प्राचार्य हेमेन्द्र आचार्य ने बताया कि उन्होने हादसे के तुरंत बाद एसपी के नाम पत्र लिखा है जिसमें स्कूल समय सुबह साढ़े 10 से दोपहर 12 बजे और शाम 4 से 6 बजे तक शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है। इसके साथ उन्होंने पालिका प्रशासन को भी पत्र लिखा है जिसमें स्कूल के प्रवेश द्वार से लगे फल, पान ठेला और अन्य दुकानों को हटाए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि इसकी वजह से यहां पर वाहनों की भीड़ लगती है और इससे जाम के साथ ही विद्यार्थियों को प्रवेश करने में परेशानी होती है।
डिवाइडर व सिग्नल के बाद भी शहर में यातायात बदहाल
शहर में बढ़ते यातायात के दबाव और हादसों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा करीब 10 वर्ष पूर्व शहर में स्कूल समय सुबह और शाम निर्धारित समय में शहर के भीतर भारी वाहनों के प्रवेश पर लगाम लगाते हुए नो एंट्री का समय निर्धारित किया था। पर साल 2020 में कोविड काल शुुरु होने के बाद यह नियम शिथिल हो गया जो आज तक शिथिल है जिसकी वजह से शहर में असमय भारी वाहनों का प्रवेश जारी है जिससे छोटे ही नहीं, बड़े हादसे का भी भय बना रहता है। इधर, जब से शहर के मुख्य चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल शुरु हुआ है तब से यातायात शाखा ने शहर की यातायात व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। शाखा न तो सिग्नल का पालन करा पा रहा है और न ही सड़क हादसों को रोकने के लिए कोई प्रयास कर रहा है।
वर्जन
*स्कूल समय में भारी वाहनों की नो एंट्री का नियम लागू करीब पांच माह पूर्व प्रशासन द्वारा पूर्व में जारी नो एंट्री नियम लागू करने शासन-प्रशासन को पत्र भेज चुका हूं पर अभी तक इसका जवाब नहीं मिला है। फिर से एक बार पत्र भेजा जाएगा।
राजेश देवांगन-एसडीओपी यातायात प्रभारी