महासमुंद। पिछले पखवाड़ेभर से थमी बारिश से धान के पौधे सूखने लगे हंै। लंबे समय बारिश की राह देख रहे किसानों द्वारा अब कोडार और केशवा जलाशय से पानी छोडऩे की मांग शुरु हो गई है। छोटे जलाशयों से भी फसलों के लिए पानी छोडऩे की मांग कर रहे है।
इधर, सिरपुर क्षेत्र के किसानों की मांग पर जल संसाधन विभाग ने पीढ़ी स्टॉपडेम का गेट गुरुवार सुबह खोल दिया। जिससे क्षेत्र के लहंगर, अमलोर सहित उक्त बांध से सिंचाई होने वाले गांव के किसानों ने राहत की सांस ली है। इधर, कोडार और केशवा जलाशयों पर आश्रित गांव के किसान भी पानी छोडऩे की मांग कर रहे हैं। ज्ञात हो कि जिले में बीते 7 जुलाई को सर्वाधिक बारिश हुई थी जिसके बाद से बारिश लगभग थमी हुई है। बारिश न होने से किसानों द्वारा खरीफ फसल के लिए बोए गए धान के पौधे सूखने लगे जो समय पर पानी नहीं मिलने से कभी मर सकते हैं। पौधों की हालत को देखते हुए किसान जलाशयों से पानी छोडऩे की मांग कर रहे हंै। तुमगांव, भोरिंग, बेमचा, परसदा सहित आसपास क्षेत्र के किसानों ने बताया कि साधन-सम्पन्न किसान बारिश थमने के बाद बोर से सिंचाई कर रहे हैं। पर मौसम भरोसे खेती करने वाले किसान फसल के पौधों को लेकर चिंतित हंै।
जानिए… कितना पानी है कोडार-केशवा जलाशय में
जानकारी के अनुसार वर्तमान में कोडार जलाशय में 18.20 फीट पानी है जो कुल क्षमता का 40 फीसदी है। इसी तरह केशवा जलाशय की बात करें तो केशवा में 18.50 फीट पानी है जो कुल क्षमता का 23 फीसदी है। बता दें कि कोडार से 49 और केशवा से करीब 15 गांव के किसानों के फसलों को सिंचाई और निस्तारी के लिए पानी दिया जाता है।