Sunday, May 21, 2023
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पौध पाठशाला से फिर हरा होगा संजय कानन 00 जून में यंहा रोपे जाएंगे 200 प्रजाति के पौधे


महासमुंद। शहर के आऊटर में स्थित संजय कानन उद्यान में एक बार फिर से हरियाली देखने को मिलेगी। इसके लिए लोगों को पौधपाठशाला विकसित होने के प्रतीक्षा करनी होगी। दरअसल, संजय कानून में 1.400 हेक्टेयर में पौधे लगाने की योजना है। जिसके लिए नर्सरी में पौधे तैयार किए जा रहे है जो आगामी जून महीने तक तैयार हो जाएंगे।
नर्सरी में जो पौधे तैयार किए जा रहे है उसमें प्रमुख पौधों में कुल्लू, बेला व कई औषधीय पौधे आदि शामिल हैं। पाँघपाठशाला में पौधों के स्थानीय नाम, वनस्पतिक नाम और परिवार, पौधे के उपयोगी भाग, पौधों के विभिन्न प्रकार, बीज संग्रहण का समय व बीज की संख्या प्रति किलोग्राम, अंकुरण का प्रतिशत क्षमता अन्य विषयों की जानकारी भी दी जाएगी। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि संजय कानन में पौध पाठशाला के लिए तैयारी चल रही है। जून माह से ही पौधरोपण किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि संजय कानन में 14 लाख रुपए की लागत से खनिज पाठशाला के लिए भवन निर्माण कार्य जारी है। इसका निर्माण कार्य भी लगभग अंतिम चरण में हैं। यहां महासमुंद जिले में मिलने वाले खनिजों का संग्रहण किया जाएगा। इसकी यहां प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। जिससे लोगों को जानकारी भी प्रदान की जाएगी। एक-दो महीने में यहां खनिज पाठशाला का भवन बनकर तैयार हो जाएगा। आस-पास औषधिय पाँधे होने के बाद भी लोग जान नहीं पाते। पौध पाठशाला विकसित होने के बाद तमाम पौधों की जानकारी के साथ उसकी उपयोगिता बताई जाएगी।
पाठशाला में 200 प्रजाति के पौधे लगाने की तैयारी
शहर के संजय कानन में पौध पाठशाला का निर्माण जारी है। पौध पाठशाला में विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके करीब 200 प्रजाति के पौधे रोप जाएंगे। पौधरोपण करने का मुख्य उद्देश्य इतना ही नहीं, युवा पीढ़ी में पौधों के प्रति जागरुता लाने व पेड़- पौधों की खूबियां बताई जाएंगी। गौरतलब है कि इसके लिए नर्सरी में पौधे तैयार संजय कानन में बांस के पेड़ कांटे जा चुके हैं जिससे हरियाली कम हो गई है।
पेड़-पौधे के प्रति जागरुकता लाना उद्देश्य
युवा पीढ़ी पेड़ व पौधों को नाम सहित जाने व इसकी उपयोगिता सीखें इस उद्देश्य से पौध पाठशाला विकसित की जा रही। इसके अलावा एक पेड़ से क्या-क्या उपयोग में लाया जा सकता है, इसकी जानकारी भी दी जानी है। गौरतलब है कि 15 जून तक महासमुंद में मानसून पहुंच जाता है। मानसून की दस्तक के साथ ही पौध रोपण अभियान भी शुरू होगा। विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके पौधे लगाना ही पहली प्राथमिकता है, ताकि लोग पौधे के बारे में जान सकें।

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