00 मंडी सचिव किसानों की लंबित भुगतान को लेकर 13 को होगा महा घेराव
महासमुंद। किसान कांतिलाल साहू द्वारा की गई आत्महत्या के लिए किसान नेता व जिपं सदस्य जुगनु चंद्राकर ने मंडी सचिव पर आरोप लगाया है। उन्होने कहा है कि राईस मिलर्स व विक्रेताओं द्वारा किसानों से खरीदे गए धान की राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में पुलिस और प्रशासन दोनों का रवैया उदासीन है। इन मुद्दों को लेकर मंगलवार को मंडी, पुलिस और जिला कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
रविवार को प्रेसक्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में श्री चंद्राकर ने बताया कि कांतिलाल साहू का राईस मिलर्स से 3 लाख 66826 रुपए के भुगतान के मामले में सूचना अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके प्रकरण पर मंडी सचिव ने लापरवाही बरती है। हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 नवंबर 2019 को निर्णय पारित किया कि प्रकरण के निराकरण के मंडी प्रशासन सचिव द्वारा दोनों पक्षों को बुलाकर उनके पक्ष सुनने के पश्चात करे। मामले में मंडी बोर्ड मुख्यालय प्रबंध संचालक रायपुर ने भी मंडी सचिव को अनेको बार पत्र प्रेषित किया और कोर्ट ने 15 दिवस में कार्रवाई करने निर्देश दिया था। पर सचिव ने तीन वर्ष बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे कांतिलाल साहू को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा और उनकी मौत हो गई। पत्रकार वार्ता के दौरान किसान नेता तेजराम विद्रोही, सुरेश चंद्राकर, पवन चंद्राकर, बिसहत चंद्राकर और हेमंत चंद्राकर मौजूद रहे।
*इसके लिए किया जाएगा घेराव*
श्री चंद्राकर ने आरोप लगाया कि मंडी समिति महासमुंद क्षेत्र के व्यापारियों द्वारा किसानों से सीधे धान खरीदी कर मंडी प्रशासन की मिलीभगत से फर्जी सौदा पत्रक काटकर किसानों को आर्थिक रुप से लूटा जा रहा है। कांतिलाल साहू को राईस मिलर्स बजरंग अग्रवाल से 366826 रुपए लेना शेष है जो उन्हें तीन वर्ष बाद नहीं मिल पाया। महामाया एग्रोटेक एवं सांई कृपा राईस मिल संचालक तेजप्रकाश (तेजा) चंद्राकर से साराडीह के 57 किसानों का 1 करोड़ 617582 रुपए और बागबाहरा के 19 किसानों को बागबाहरा मेडिकल स्टोर्स संचालक राकेश चौहान से 6188650 रुपए का बकाया है। सभी मामलों की जानकारी कृषि उपज मंडी, मंडी बोर्ड रायपुर और कलेक्टर को अवगत कराया जा चुका है। पर मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। मामले की शिकायत थाने में भी दर्ज है।