महासमुंद। चीन में सामने आए कोरोना के नए वेरिएंट बीएफ 7 के भारत में दस्तक की संभावना को देखते हुए शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए मंगलवार को लगभग पूरे प्रदेश के हॉस्पिटल में की गई तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रील किया । इसी क्रम मेें महासमुंद में स्वास्थ्य विभाग ने भी भविष्य में सामने आने वाले संभावित मरीजों को अस्पताल तक लाने और उनका उपचार करने के लिए की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रील किया।
निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार बदोपहर 12 बजे मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में हुए मॉक ड्रील में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड मरीजों के उपचार और जांच के लिए तैयार कंट्रोल रुम में सुबह साढ़े 11 बजे एक व्यक्ति का फोन आता है जिसमें उसके द्वारा स्वयं को सर्दी-खांसी बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी होने की जानकारी दी जाती है। कंट्रोल रुम द्वारा उक्त व्यक्ति को सीएमएचओ कार्यालय परिसर से लगे स्थित फीवर क्लीनिक में जांच के लिए जाने के कहा जाता है। जहां जांच के लिए पहुंचे उक्त व्यक्ति का फीवर क्लीनिक टीम द्वारा कोविड टेस्ट किया गया जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर टीम ने इसकी सूचना विभाग और चिकित्सकीय टीम को दी। मरीज को उपचार के लिए अस्पताल तक लाने के लिए संजीवनी 108 की टीम पीपी कीट में फीवर क्लीनिक पहुंची। जहां टीम ने मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने की समस्या को ध्यान में रखते हुए एंबुलेंस में ही उसे आक्सीजन लगाकर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज के कोविड डेडिकैटेड वार्ड में लाया गया। अस्पताल पहुुंचते ही गेट पर तैनात टीम ने उसकी पूरी जानकारी ली बाद चिकित्सकीय टीम उसे उपचार के लिए आईसीयू में ले गई जहां चिकित्सकों ने उनका उपचार शुरु किया। मॉकड्रील के दौरान सीएमएचओ एसके बंजारे, कोविड नोडल अधिकारी डॉ क्षत्रपाल चंद्राकर, मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ यास्मीन खान, एमएस डॉ बसंत महेश्वरी और डीपीएम रोहित वर्मा और कोविड डेडिकैटेट हास्पिटल के नोडल डॉ रोशन वर्मा और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही।