छत्तीसगढ़ और ओड़िशा रिश्ता भाई-भाई का संस्कृति व संस्कार भी मिलते जुलते : राज्यपाल
00 राज्यपाल ने सिरपुर, बांसकुड़ा में क़मार जनजाति के लोगों से मिले, की बातचीत
00 शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत ज़रूरतमंद दिव्यांग और हितग्राहियों को सामग्री वितरण की
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बिश्व भूषण हरिचन्दन मंगलवार को महासमुंद जिले के ग्राम सिरपुर ;बांसकुड़ा में क़मार जनजाति की बिहान समूह की महिलाओं और हितग्राहियों से मिले और बातचीत कर उनकी समस्यायें सुनी। महिलाओं समूह द्वारा लगाए गए स्टाल का अवलोकन किया। समूह की महिलाओं की बनाई गई बांस से और विभिन्न सामग्री की तारीफ़ की। कुछ समूह की महिलाओं ने राज्यपाल से उड़िया भाषा में बातचीत की। राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचन्दन ने परिसर में कदम का पौधा रोपा। राज्यपाल श्री बिश्व भूषण हरिचन्दन ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओड़िसा का रिश्ता भाई-भाई जैसा है। बोली, भाषा अलग होने के बाबजूद संस्कृति व संस्कार भी मिलते जुलते है। राज्यपाल ने कहा कि मैं आज आपसे मेल-मुलाक़ात और बातचीत करने आया हूँ। आपकी जो समस्या है उन्हें कलेक्टर को लिख कर दें। बड़ी समस्याएं मुझे भेजें। समस्या का समाधान होगा। समूह की महिलाओं ने राज्यपाल को बांस बनी और विभिन्न सामग्रियों की टोकरी सौपी। राज्यपाल श्री हरिचन्दन ने हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत ज़रूरतमंदों पाँच दिव्यांगों को समाज कल्याण की और से ट्राइसिकल व कृषि विभाग की तरफ़ से दो किसानों को स्प्रे 3 किसान को बीज मिनी किट और मत्स्य विभाग की मौंगरी योजना के में 2 हितग्राहियों को आइस बॉक्स और मछली जाल सौपा। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास की और से सुपोषण किट वितरित की। कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने राज्यपाल और अतिथियों का स्वागत किया और सिरपुर के साथ ही ज़िले की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासियों एवं आदिवासी महिलाओं को बाँस कला के साथ-साथ महिलाओं की अभिरुचि और स्थानीय बाजार माँग के अनुसार अन्य कला में प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जा रहा है। राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो ने भी महासमुंद के बारे में बताया। आभार सीईओ ज़िला पंचायत एस आलोक ने किया। राजभवन रायपुर से सुबह 10 बजे सड़क मार्ग से प्रस्थान कर 11ः15 बजे सिरपुर ग्राम बांसकुड़ा पहुँचें।
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