Monday, March 20, 2023
spot_img

जनपद में हुआ 39 लाख के हस्तांतरण, मामले में सीईओ ने दिए जांच के आदेश



महासमुंद। जनपद पंचायत में हुए 15 वें वित्त की राशि 39 लाख के हस्तांतरण पर जिला पंचायत सीईओ ने जांच के आदेश करते हुए चार अधिकारियों की समिति गठित की है। गठित टीम को आदेशित किया गया है कि 15 दिवस के भीतर जांच कर रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ को सौंपे। बता दें कि 29 नवम्बर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल अनुसूईया उईके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, ग्रामीण एवं पंचायत मंत्री रविन्द्र चौबे और मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन व जिला कलेक्टर से शिकायत कर कहा गया था कि जनपद पंचायत के अध्यक्ष और अधिकारी कर्मचारियों ने मिलकर जनपद पंचायत के 15 वें वित्त की राशि का गलत तरीके से आहरण कर 39 लाख रुपए गलत तरीके से सीधे वेण्डर के खाते में हस्तांतरित कर दिया गया है। शिकायत पत्र में आरोप लगाते हुए लिख गया है कि महासमुंद जिला के जनपद पंचायत महासमुंद में अंतर्गत ग्राम पंचायतों में कोविड सामाग्री क्रय किये जाने के लिये केन्द्र से 15 वें वित्त आयोग की राशि 39 लाख रुपया प्राप्त हुआ था। जिस राशि को ग्राम पंचायत के खाता में हस्तांतरित किया जाना था। जिसे महासमुंद जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत जो कार्य एजेंसी बनाया है, उनके माध्यम से सामाग्री क्रय किया जाना था, किन्तु ऐसा ना करते हुए जनपद पंचायत अध्यक्ष यतेन्द्र साहु एवं जनपद पंचायत में पदस्थ कर्मचारी श्रीमती समृद्धी शर्मा के मिलीभगत से 39 लाख रूपए को सीधा  राधे इंटरप्राईजेश रायपुर (वेंडर) के खाता में हस्तांतरित कर दिया गया है। जिसकी शिकायत पूर्व में कलेक्टर से लेकर जिला पंचायत सीआई को भी किया गया था। शिकायत के बावजूद भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई। 13 से 31जनवरी 2022 तक 32 बार में 39 लाख रुपया राशि ट्रांसफर किये जाने कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उक्त कार्य पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध है। जबकि पंचायती राज अधिनियम में कार्य एजेंसी पंचायत है और पंचायत ही सामाग्री का क्रय करता। किन्तु उनके अधिकार को छिनकर गबन करने के उद्देश्य से 15 वें वित्त आयोग के राशि, जिससे कोविड सामाग्री क्रय किया जाना था, उस राशि को सीधे राधे इंटरप्राईजेस रायपुर वेंडर के खाते में हस्तांतरित कर दिया गया है। अवैध तरीके से राशि हस्तांतरित करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध छग सिविल सेवा आचरण नियम 1965, 1966 के तहत अनुशासनसत्मक कार्रवाई करते हुये निलंबित किया जाए एवं अवैध तरीके से राशि ट्रांसफर कराने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई थी। उक्त मामले ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी महासमुंद ने 14 मार्च 2023 को आदेशित करते हुए एस. लकडा. परियोजना अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद, गजेन्द्र सिंह सिदार लेखाधिकारी जिला पंचायत महासमुंद, श्रीमती निखत सुल्ताना मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत महासमुंद, अशोक चन्द्राकर, प्रभारी जिला अंकेक्षक जिला पंचायत महासमुंद को जांच अधिकारी नियुक्त कर उक्त शिकायत की 15 दिवस के भीतर जांच कर जांच प्रतिवेदन जिला कार्यालय में प्रस्तुत करने सुनिश्चित करते हुए आदेश जारी किया गया है। इस सम्बंध में जनपद सीईओ निखत सुल्ताना का कहना है कि जांच के लिए 16 मार्च को आदेश जारी किया गया है। 15 दिनों में जांचकर रिपोर्ट सौंपनी है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,748FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles