अधीक्षक यंत्री ने कहा कार्रवाई के लिए 5 नोडल व 70 सदस्यीय टीम बनी
महासमुंद। जिले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी 2.13 लाख बकायादारों से करीब 233 करोड़ रुपए का बकाया वसूली करने में नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में कंपनी ने बड़े और छोटे बकायादारों से बकाया वसूलने के लिए कनेक्शन काटने की कार्ययोजना बनाई अब तक लगभग 9 हजार कनेक्शन काटे जा चूके हैं। बकाया राशि न देने वालों पर लगातार कार्रवाई जारी है।
विद्युत वितरण कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार जिले के करीब 2.13 लाख उपभोक्ताओं के विद्युत कनेक्शन काटने का लक्ष्य रखा है अब तक मात्र 8 हजार 876 बकायादार उपभोक्ताओं का ही कनेक्शन कांट पाया है। जिनके ऊपर 11 करोड़ 52 लाख 29 हजार रुपए का बकाया था। इस माह विभाग ने 987 उपभोक्ताओं से 5 करोड़ 29 लाख 94 हजार रुपए की वसूली की है। बता दें कि कोरोनाकाल में दी गई रियायतों का बिजली बिल की वसूली पर पड़ा प्रभाव अब छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के लिए परेशानी का कारण बन चुका है। लगातार पेडिंग चल रही वसूली के आंकड़े रिकार्ड स्तर तक पहुंच चुका है। ऐसे में विद्युत वितरण कंपनी को बकायादारों से वसूली के लिए अब कड़े कदम उठाते हुए कनेक्शन काटने की कार्रवाई करनी पड़ रही है। इस सम्बंध में अधीक्षण यंत्री एस के कंवर का कहना है कि सभी डिवीजन को बकाया के साथ मासिक डिमांड की वसूली के लिए प्रत्येक माह का लक्ष्य दिया गया है। रही बकायादारों के कनेक्शन काटने की तो इस पर कार्रवाई के लिए जिले में पांच नोडल अधिकारी और 70 टीम बनाई गई है जो लगातार कार्रवाई कर रही है।
*पंचायत और सरकारी विभाग बड़े बकायादार*
जिले में विद्युत वितरण कंपनी के महासमुंद, पिथौरा और सरायपाली सहित तीन डिवीजन हैं। इसमें सर्वाधिक बकाया ग्राम पंचायत और सरकारी विभागों का है। विभाग के अनुसार जिले के ग्राम पंचायतों के 3211 कनेक्शन धारियों से कुल 51 करोड़ 96 लाख 68 हजार रुपए वसूलने है। इसी तरह जिले के 6 नगरीय निकायों के 433 उपभोक्ताओं से 7 करोड़ 49 लाख 97 हजार, शिक्षा विभाग के 1567 कनेक्शधारियों से 1 करोड़ 34.5 हजार, स्वास्थ्य विभाग के 260 कनेक्शनधारियों से 1 करोड़ 32 लाख 62 हजार, महिला बाल विकास के 1233 कनेक्शनधारियों से 74 लाख 74 हजार और वन विभाग के 65 कनेक्शनधारियों से 24 करोड़ 68 लाख रुपए की वसूली करना है।
*बकाया के कारण योजना का नहीं मिल रहा*
छग सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ जैसी योजना लागू की है। इसके तहत 4 सौ यूनिट तक के बिजली की खपत पर आधा बिल ही भुगतान करना है जो उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत है। मगर बकाया बिजली बिल पर कंपनी हर माह सरचार्ज जोड़ रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।