महासमुंद। प्रदेश स्तरीय छग सर्व आदिवासी समाज के जेल भरो आंदोलन का असर जिले में भी देखने को मिला। सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले जिले के आदिवासी समाज 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आज यहां जेल भरो आंदोलन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे।
इधर, समाज के जेल भरो आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में आंदोलन स्थल पर पुलिस बल तैनात किया गया है। आंदोलन के लिए जिले के आदिवासी समाज के पदाधिकारी और सदस्य सुबह से पटवारी कार्यालय स्थित आंदोलन स्थल में एकजुट हुए। दोपहर 1 बजे सभा को संबोधित करते हुए समाज के नेताओं ने कहा कि छग आदिवासी बाहुल एवं पांचवी अनुसूची क्षेत्र के विशेष संवैधानिक अधिकार के बावजूद छग में आदिवासी समाज पर अत्याचार प्रताडऩा बढ़ता जा रहा है। न्याय के लिए सरकार से मांग किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
आंदोलन में यह रहे शामिल
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर, शुभ सिंह जगत, धरम सिंह दीवान, डिम्पल ध्रुव, कृष्ण कुमार ध्रुव, अशोक ध्रुव, मनराखन ठाकुर, अशोक ध्रुव, क्षेत्रो सिदार, टाकेन्द्र राय,जगदीश सिदार ध्रुव गोड़ समाज महिला जिलाध्यक्ष डेजीरानी नेताम, गणेश राम ध्रुव, सर्वआदिवासी समाज उपाध्यक्ष हेमसागर बिंझवार, नरेश पोर्ते, तेजराम चांलिक, गैंदराम बांधे, सोमनाथ टोंडेकर और चित्र कमार भारती सहित बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।
इन मांगों को लेकर आंदोलन
बालोद के डौंडी ब्लॉक के आदिवासी समाज के जामड़ी पाठ को परिवर्तित कर पाटेश्वर धाम बनाने वाले बालक दास द्वारा 1 मई को ग्राम तुएगोंदी में आदिवासी समाज के द्वारा की जा रही पारंपरिक पूजा में गुंडे बुलाकर तलवार लाठी एवं कांच की बोतलों और पत्थर से घातक वार किया। जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई और जान से मारने की चेतावनी व प्रयास किया गया। अब तक बालक दास के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं हुई। इसी तरह सरगुजा के हसदेव अरण्य परसा कोल ब्लॉक में ग्राम सभा और प्रदेशभर के विरोध के बाद भी आदिवासी गांव को उजाड़ा जाएगा और लाखों पेड़ काटा जाएगा। ग्राम कोकोभाठा (पिथौरा) में बुढ़ादेव देवालय में तोड?ोड़ करने वाले, ग्राम खपरखोल (पिथौरा) के जनक दुलारी ठाकुर परिवार जनों की समाधि स्थल को तोड?ोड़ करने वालों, ग्राम बुंदेली (पिथौरा) में जाति बदलकर आदिवासियों की जमीन खरीदने वाले, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ, भू माफियाओं आदि पर कार्रवाई की जाए। शासकीय रणजीत कृषि उच्चतम माध्यमिक विद्यालय को फिर से खोला जाए।