महासमुंद। जिले में अब सामान्य मलेरिया के मरीजों के साथ सेब्रेरल मलेरिया के मरीज भी सामने आने लगे हैं। इस बिमारी से ग्रसित चार मरीज जिनकी स्थिति काफी खराब हो चुकी थी वे गत दिनों लभरा स्थित सोहम हॉस्पिटल में चिकित्सकों द्वारा किए गए उपचार के बाद पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर लौट गए है। हॉस्पिटल के संचालक डॉ युगल चंद्राकर ने बताया कि पिछले 2 माह में उक्त रोग से ग्रसित 3-4 मरीज उपचार के लिए यंहा भर्ती हुए थे जो पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौटें है। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को यंहा उपचार के लिए परिजन लेकर आए थे। उनमें एक मरीज का लीवर काफी खराब हो चुका था। एक मरीज के लीवर का बिरिलुबिन लेवल 40 था जबकि सामान्य मरीज का बिरिलुबिन 1 होना चाहिए पर हॉस्पिटल में आए मरीजों में एक मरीज का यह लेवल 40 था जो 40 गुना खराब हो चुका था। ऐसे मरीज यंहा से उपचार के बाद स्वस्थ होकर लौटे है। यह हॉस्पिटल के साथ चिकित्सकों और स्टॉफ के बेहतर उपचार व देखभाल का परिणाम है जो हॉस्पिटल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और क्षेत्र के लिए नागरिकों के लिए भी अच्छी बात है।
हॉस्पिटल के बेहतर उपचार से हुआ नाम
सोहम हॉस्पिटल का आईसीयू ने प्रदेश में एक अपनी अलग पहचान बनाई है। यह उन सभी बेहतर हॉस्पिटलों में शामिल हो चुका है जिनका अपना एक नाम है। यह सफलता हॉस्पिटल ने मरीजों के बेहतर उपचार से हासिल की है। जंहा आज भी मरीजों का चिकित्सकों और स्टॉफ द्वारा सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है।
क्या है सेब्रेरल मलेरिया
डॉ युगल चंद्राकर ने बताया सेब्रेरल मलेरिया, मलेरिया का एक गम्भीर प्रकार है। इस रोग से ग्रसित मरीज का बुखार सिर में चढ़ जाता है जिसकी वजह से कई बार मरीज का होश चला जाता है। मरीजों को झटके आने की संभावना रहती है और मरीज ठीक से बात नहीं कर पाता है। इसके साथ ही यह रोग मरीज के शरीर के प्रमुख अंग लीवर, किडनी को भी प्रभावित करता है और खून की कमी होने लगती है। इसलिए इसे मल्टी ऑर्गन फैलियर रोग भी कहा जाता है जिसमें एक साथ शरीर के कई अंग पर इसका इफेक्ट पड़ता है। ऐसे में उक्त रोग से ग्रसित मरीजों को स्वस्थ करना किसी भी चिकित्सक के लिए चुनौती से कम नहीं होता। क्योंकि इसमें मरीज के जान जाने की भी संभावना अधिक रहती है।