Friday, March 24, 2023
spot_img

वर-वधु की कुंडली बाद में पहले उनकी सिकलसेल की कुंडली मिलाएं: भूपेश

जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में हुई सिकलसेल प्रबंधन की शुरुआत
मरीजों को जांच और उपचार के लिए अब नहीं जाना होगा रायपुर



महासमुंद। रविवार का दिन जिले के सिकलसेल मरीजों और जिलेवासियों के लिए खास दिन रहा। जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में सीएम भूपेश बघेल ने सिकलसेल प्रबंधन का लोकार्पण कर बड़ी सौगात दी।
श्री भूपेश बघेल ने दोपहर 12 बजे रायपुर से वीडियो कॉन्फें्रसिंग के जरिए महासमुंद सहित प्रदेश के 28 जिलों में सिकलसेल प्रबंधन का लोकार्पण कर जिलेवासियों को सौगात दी। उन्होने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शादी से पूर्व पंडित से वर-वधु की कुंडली बाद में मिलाएं पहले उनकी सिकलसेल की कुंडली मिलाएं। ताकि इस बीमार को प्रदेश में फैलने से रोका जा सके। यह रोग चंद्राकर, साहू, आदिवासी, सतनामी समाज के लोगों में सर्वाधिक पाया जाता है। जिसे रोकना अतिआवश्यक है। शुभारंभ के दौरान नपाध्यक्ष राशि महिलांग, सीईओ एस आलोक, कॉलेज की डीन, सीएमएचओ डा एस आर बंजारे, प्रबंधन के नोडल अधिकारी डॉ ओंकार कश्यप सहित मेडिकल कॉलेज स्टॉफ मौजूद रहे। बता दें कि सिकलसेल प्रबंधन के लिए कॉलेज प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल सम्बद्ध मेडिकल कॉलेज में इसके लिए 1 अक्टूबर को होने वाले शुभांरभ के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन किन्ही कारणों से कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।  
जांच, उपचार, दवाईयां नि:शुल्क
प्रबंधन के नोडल अधिकारी डॉ ओंकार कश्यप ने बताया कि सीएम द्वारा शुरु किए गए सिकलसेल प्रबंधन में सिकलसेल से ग्रसित मरीजों की रक्त जांच और उपचार के अलावा दवाईयां भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए यहां लैब, ओपीडी वार्ड और दवा वितरण के लिए वार्ड निर्माण कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पहले यहां यह सुविधा नहीं थी। इसलिए जिले के मरीजों को रायपुर सिकलसेल प्रबंधन में उपचार और जांच के लिए जाना पड़ता था। अब रायपुर जैसी सुविधाएं मरीजों को यहां मिलेंगी।
28 जिलों में हुई शुरुआत
शासन ने महासमुंद सहित आज प्रदेश के 28 जिलों में सिकलसेल प्रबंधन की स्थापना की है। इसके खुलने से जिले से प्रति माह उपचार, जांच के लिए राजधानी रायपुर जाने वाले मरीज और परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी। जिले में बड़ी संख्या में सिकलसेल पीडि़त हैं। इसका फैलाव रोकने शासन द्वारा उपचार ही नहीं, बल्कि मरीजों के साथ कांउसलिंग भी की जाएंगी जिससे आने वाली पीढ़ी इस रोग से ग्रसित न हों।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,749FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles