महासमुंद। पार्षदगण महेंद्र जैन, पवन पटेल, मीना वर्मा, मंगेश टांकसाले, मनीष शर्मा, हफीज कुरैशी, माधवी सिका, मुन्ना देवार ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हिटलरशाही तानाशाही रवैय्ये के कारण प्रदेश के आठ लाख गरीब परिवार के लोगों से खुद के पक्का आवास निर्माण का सपना चकनाचूर हो गया। पार्षदों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण योजना के तहत खुद का पक्का मकान बनाने प्रधानमंत्री आवास योजना की केंद्र सरकार की राशि का आबंटन प्रदेश को भेजा था। परंतु प्रदेश की कांग्रेस सरकार का खजाना खाली होने से राज्य सरकार का अंशदान गरीबो को आवास के लिए नहीं दिया जा सका, जिससे लाखों परिवारों के आवास निर्माण का सपना टूट गया। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे से भूपेश सरकार की नाकामी और तानाशाही रवैये के खुलासा हो गया है। पार्षदों ने मंत्री सिंहदेव के इस्तीफे की वजहों को स्पष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश का अहम जिम्मेदार मंत्री खुद ही जनहित के मामलों में मुख्यमंत्री की दखलंदाजी को पीड़ादायक करार देते हैं तो प्रदेश की जनता का हितैषी होने का कांग्रेसी दावा खुद ही खोखला साबित होता है। केंद्र की भाजपा सरकार के नेतृत्वकर्ता मोदी के द्वारा प्रदेश की जनता के लिए पक्के आवास के लिए भेजा गया अंशदान वापस करना भूपेश सरकार की जनविरोधी नीतियों और नाकामी को सिद्ध करता है। सिंहदेव ने अपने इस्तीफे में स्पष्ट कहा है कि मैंने आवास सहित मनरेगा के कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश सरकार की लापरवाही से 1250 करोड़ की नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत भी कराया था। पार्षदों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अडिय़ल और तानाशाही रवैय्ये की निंदा करते हुए कहा कि खुद की पार्टी के मंत्रियों की बात जब, प्रदेश का मुखिया नहीं सुनेगा ,जनता की समस्याओं का निराकरण नहीं करेगा तो आमजनता की आवाज उन तक पहुंचेगी ये सोचना भी बेमानी है। पार्षदों ने स्पष्ट रुप से कहा है कि गरीबों का आशियाना छीनने का जो खिलवाड़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा किया गया है उसे जनता कभी माफ नहीं करेगी। पार्षदों ने कहा कि आवास के मामले में 20 जुलाई को एक दिवसीय धरना नेहरू चौक पर दिया जाएगा। राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।