महासमुंद। जिला कार्यालय के नकल शाखा में पदस्थ कर्मचारी किस तरह से मनमानी कर रहे है इसका ताजा उदाहरण मंगलवार को देखने मिला। आवेदक द्वारा मिसल, बी 1 और खसरा नकल निकलने के लिए पांच माह पूर्व आवेदन करने के बाद उसे दस्तावेज देने पिछले छह माह से घुमाया जा रहा है।
परेशान आवेदक ने जब मामले की शिकायत जनचौपाल में की तो सवेंदनशील कलेक्टर निलेश कुमार ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए विभाग को उन्हें तत्काल दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। लेकिन कर्मचारियों की हठधर्मिता उन्होंने आवेदक को मशीन खराब होने का हवाला देते हुए उन्हें कल आने के लिए कहा। जानकारी के मुताबिक सरायपाली ब्लॉक के ग्राम सिरपुर निवासी डमरूधर नायक ने मिसल रिकार्ड निकलवाने 4 जनवरी 2022 को आवेदन दिया था। तब से लेकर वे करीब 10 बार दस्तावेज के लिए वे यंहा आ चुके है जंहा पदस्थ कर्मियों द्वारा उन्हें मशीन खराब होने का हवाला देकर तारीख पे तारीख देते हुए आ रहे है। लेकिन दस्तावेज नहीं दे पा रहे है।
धरने पर बैठा, बाहर से फोटोकॉपी करा दिया
कर्मिचारियों से पिछले छह माह से मशीन खराब होने का जवाब सुनते आ रहे आवेदक ने इस बार कर्मिचारियों से कहा उन्हें दस्तावेज आज दे या कल अब वो दस्तावेज लेकर ही यंहा से जाएगा। जब तक उन्हें दस्तावेज नहीं मिलता वे यंहा ही बैठा रहेगा चाहे उसे यंहा रात ही क्यों न गुजारना पड़ जाए। इसके बाद कर्मिचारियों ने उन्हें दस्तावेज देने के लिए बाहर से फोटोकॉपी कराकर देने की बात कही। देर शाम खबर लिखे जाने तक आवेदक दस्तावेज के लिए कार्यालय में ही बैठे रहे।
मशीन खराब, कर्मियों की दिक्कत
नकल शाखा में पदस्थ आर आई होरेलाल नेताम से जब पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया तो वे गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए। उनका कहना है कि शाखा में मशीन खराब और कर्मिचारियों के अवकाश के चलते आवेदक का दस्तावेज तैयार नहीं हो पाया। अब दस्तावेज तैयार कर रहे है उन्हें कल देने के लिए कहा है। अब सवाल यह है कि जब शाखा की मशीन खराब थी और कर्मिचारियों की कमी थी तो क्या इस पांच महीनों के भीतर दस्तावेज लेने के लिए आए अन्य आवेदकों को दस्तावेज कैसे मिला होगा?
*दलाल सक्रिय, अवैधानिक रूप कर्मी से कर रह कार्य!
जिला कार्यालय के नकल शाखा में नकल निकालने के कार्य के लिए दलाल सक्रिय है। यहां परिसर के पेड़ की छांव में बैठकर दलाल नकल के लिए आवेदन तैयार करते है। इसके लिए वे 20-30 रुपए आवेदन बनाने के लिए लेते है जिसकी रसीद नहीं देते है। एक आवेदक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें नकल जल्दी निकालवाने का हवाला देकर उनसे हजार पंद्रह सौ में सौदा करते है और दस्तावेज निकालकर देते है। सूत्रों की माने तो शाखा में पदस्थ कुछ कर्मियों ने अवैधानिक रूप से कर्मी रखें जाने की भी बात सामने आ रही है जो नकल के लिए न सिर्फ दलाली करते है बल्कि शाखा में घुसकर सरकारी दस्तावेज को भी हाथ लगते है जो नियमतः गलत है।