त्योहार में सक्रिय खाद्य औषधि प्रशासन पर नागरिक और व्यापारी उठा रहे सवाल
महासमुंद। साल में रक्षाबंधन, दिवाली और होली पर्व में सक्रिय नजर आने वाला जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग दिवाली त्यौहार के मद्देनजर एक बार फिर से सक्रिय हो गया है।
विभाग जनता और प्रशासन में अपनी सक्रियता दिखाने के किराना, मिठाई दुकानों में दबिश दे खाद्य सामग्रियों के सैप्मल ले रहा है। इधर, नागरिकों का कहना है कि साल में सिर्फ त्यौहार पर सक्रिय विभाग साल के अन्य 9 माह में क्या करता है। उन्हें उस दौरान क्या लोगों के स्वास्थ्य की चिंता नहीं होती है। नागरिकों का कहना है कि त्यौहार में विभाग को लोगों की बजाए अपनी चिंता रहती है इसलिए वे सक्रिय हो जाते है। नहीं तो खाद्य सामग्रियों में मिलावट का खेल त्यौहार में क्या साल भर करते होंगे। पर विभाग को कार्रवाई की फुर्सत नहीं है इसलिए विभाग के अफसर केवल त्यौहार में ही सक्रिय नजर आतें है।
प्रतिबंधित गुटके पर विभाग मौन
पूरे प्रदेशभर में करीब पांच वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए गुटका को प्रतिबंधित कर दिया है। बावजूद इसके जिले में गुटके का कारोबार खुलेआम चल रहा है। नागरिकों का कहना है स्कूलों के आसपास गुटके की बिक्री हो रही है, विद्यार्थी इसके आदि हो रहे है। पर कार्रवाई के मामलें में खाद्य एवं औषधि प्रशासन मौन है। जिस तरह विभाग लोगों के स्वास्थ्य की चिंता कर खाद्य सामग्रियों की जांच करती है। पर गुटका के अवैध कारोबार और कारोबारियों पर कार्रवाई करने में विभाग के अफसरों की सक्रियता को लकवा मार जाता है। मजे की बात है कि जब गुटके के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी के लिए विभागीय अफसरों से मीडिया द्वारा जानाकरी मांगने पर अफसर बगले झांकने लगते है। क्योंकि कार्रवाई की नहीं है तो जानकारी क्या दें। जानाकरी के अनुसार इस विभाग के एसडीएम हेड हैं। पूर्व में पदस्थ एसडीएम से जानकारी मांगी तो उन्होंने अफसरों से जानकारी मंगा लॉकडाउन में की गई कार्रवाई के आंकड़े थमा दिए।
सक्रिय नहीं निष्क्रिय विभाग
नागरिक कल्याण मंच और पूर्व पार्षद पंकज साहू का कहना है कि खाद्य औषधि प्रशासन सक्रिय नहीं निष्क्रिय विभाग है। विभाग के अफसर सिर्फ त्योहार में कार्रवाई के नाम पर व्यापारियों को परेशान करते है। प्रदेशभर में गुटका प्रतिबंधित है पर जिले में खुलेआम बिक रहा है। इस पर विभागीय अफसर कार्रवाई के लिए कभी सड़क पर सामने नहीं आते है।
कार्रवाई के नाम पर अपना हित साध रहे
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शंभू साहू का कहना है कि विभाग कार्रवाई के नाम पर अपना हित साधने का काम करता है। त्योहार में ही क्यों विभाग को खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता का ध्यान आता है। जिस पर कार्रवाई करनी चाहिए उस पर विभाग ने अपने हाथ बांध रखे है। क्योंकि उन स्थानों से उन्हें लिफाफा मिल जाता है। छोटे व्यापारियों को कार्रवाई का भय दिखा परेशान करो। सैप्मल के नाम पर हर चीज 5-6 किलो ले जाते है।
वर्जन
यह सही है कि कार्रवाई नियमित रूप से होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो विभाग से जानकारी लेता हूं। रही प्रतिबंधित गुटका कारोबार की तो इस पर भी जानकारी ली जाएगी।
राकेश गोलछा- एसडीएम महासमुंद