पीएम के स्वच्छ भारत अभियान की खुल पोल, नागरिक और कार्यरत कर्मचारी परेशान
महासमुंद। जनमानस को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने वाले सरकारी दफ्तरों के ही शौचालय-मूत्रालय में पसरी गंदगी ही केन्द्र सरकार की स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहे हैं।
मुख्यालय के सरकारी दफ्तरों और शहर में नागरिकों के लिए निर्मित शौचालय-मूत्रालयों का जायजा लिया तो यह बात सामने आई। यहां पसरी गंदगी और बदबू से नागरिक परेशान हंै। शुक्रवार को कलेक्टोरेट कार्यालय परिसर स्थित शौचालयों में गंदगी देखने को मिली। शौचालय की बदबू से नागरिक ही नहीं, बल्कि यहां कार्यरत कर्मचारी भी इसका उपयोग करने से कतराते हैं। पर उन्हें मजबूरी में इसका उपयोग करना पड़ रहा है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि नियमित सफाई न होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। यह स्थिति अमूमन मुख्यालय स्थित कुछ दफ्तरों को छोड़कर शेष सभी की है।
शहर के सार्वजनिक मूत्रालय भी बदहाल
इधर, शहर में नागरिकों की सुविधा के लिए पालिका द्वारा निर्मित सार्वजनिक शौचालयों का भी हाल-बेहाल है। मूत्रालय में गुटखेके दाग और गंदगी से सराबोर नजर आया। नागरिकों की सुविधा के लिए पालिका द्वारा कुछ माह पूर्व लाखों रुपए खर्च कर निर्मित मूत्रालय की भी स्थिति बदहाल है। कचहरी चौक स्थित मूत्रालय में पसरी गंदगी से नागरिक इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। यहां लगी लाइट भी चोरी हो चुकी है। मूत्रालय में गंदे पानी की निकासी के लिए पाइप भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है।